unfoldingWord 21 - खुदा मसीहा का वादा करता है
Císlo skriptu: 1221
Jazyk: Urdu Devanagari
Publikum: General
Úcel: Evangelism; Teaching
Features: Bible Stories; Paraphrase Scripture
Postavení: Approved
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Text skriptu
यहाँ तक कि खुदा ने जब दुनिया को बनाया वह जानता था कि एक ज़माने के बाद मसीहा को भेजेगा –उसने आदम और हव्वा से वादा क्या था कि वह ऐसा करेगा –उसने कहा था कि हव्वा की नसल से एक शख्स पैदा होगा जो सांप के सिर को कुचलेगा – जी हाँ वह सांप जिस ने हव्वा से फरेब किया था वह शैतान था –खुदा का यही मतलब था कि मसीहा शैतान को पूरी तरह से शिकस्त देगा -
खुदा ने अब्रहाम से वादा किया था कि उसके वसीले से तामाम दुनिया की क़ौमें बरकत पाएंगी – खुदा इस वादे को कुछ अरसा बाद ही मसीहा को दुनिया में भेजने के ज़रिये से ही पूरा कर सकता था – मसीहा दुनिया के तमाम कौमों को उनके गुनाहों से बचाने वाला था -
खुदा ने मूसा से वादा किया था कि वह मुसतक़बिल में मूसा की तरह एक दुसरे नबी को भेजेगा – यह नबी मसीहा था – इस बतौर खुदा ने फिर से वादा किया कि वह मसीहा को भेजेगा -
खुदा ने दाऊद बादशाह से वादा किया था कि उसकी अपनी नसल से मसीहा होगा जो एक बादशाह होगा और खुदा लोगों पर हमेशा के लिए हुकूमत करेगा -
खुदा ने यर्म्याह नबी से बातें की और उस से कहा था कि एक दिन वह एक नया अहद बांधेगा – वह नया अहद परं जैसा नहीं होगा जो खुदा ने बनी इस्राईल के साथ सीना पहाड़ में बाँधा था - जब वह इस नए अहद को लोगों के साथ बांधेगा तो वह ऐसा होने देगा कि लोग मसीहा को शख्सि तोर से जानें – हर एक शखस उस से महब्बत रखेगा और उसकी शरीयत को बजा लाना चाहेगा – खुदा ने कहा ,मैं अपनी शरीयत को उनके दिलों में लिखूंगा और वह मेरे लोग होंगे और मैं उनका खुदा होंगा , और वह उनके गुनाह मुआफ़ करेगा –वह मसीहा होगा जो उनसे नया अहद बांधेगा -
खुदा के नबियों ने भी कहा कि मसीहा एक नबी, एक काहिन, एक बादशाह होगा – एक नबी वह है जो खुदा के कलाम को सुनता है और उसे एक पैग़ाम बतोर लोगों के सामने उसका एलान करता है ख़ुदा ने जिस मसीहा को भेजने का वादा किया था वह एक कामिल नबी था – इसी लिए मसीहा ख़ुदा के पैग़ाम को कामिल तोर से सुनेगा,उन्हें कामिल तौर से समझेगा और कामिल तोर से लोगों को तालीम देगा-
इस्राईली काहिन लोगों के लिए खुदा को क़ुर्बानी देना जारी रखे हुए थे – यह क़ुर्बानियाँ उन के गुनाहों के लिए खुदा की सज़ा के बदले में थी – काहिन लोग भी लोगों के लिए खुदा से दुआ किया करते थे –मगर यह ज़रूरी था कि मसीहा एक्कमिल सरदार काहिन हो जो खुद को खुदा के लिए एक कामिल क़ुर्बानी को अदा करे – इसके बाद गुनाहों के लिए कोई और क़ुर्बानी की ज़रुरत नहीं है -
बादशाह और हुक्मरान लोगों की जमाअत पर हुकूमत करते हैं और कभी कभी गलतियां भी करते हैं – दाऊद बादशाह ने सिर्फ़ बनी इस्राईल पर हुकूमत की – मगर मसीहा जो दाऊद की नसल से है वह सारी दुनया पर हुकूमत करेगा और हमेशा के लिए करेगा – इस के अलावा वह हमेशा रास्ती से हुकूमत करेगा और सही फ़ैसले लेगा -
खुदा के नबियों ने दीगर कई बातें मसीहा की बाबत कहीं मिसाल के तोर पर मलाकी ने कहा कि मसीहा के आने से पहले एक दूसरा नबी आएगा – उस नबी का आना बहुत ज़रूरी है – यसायाह नबी ने भी लिखा कि मसीहा एक कुंवारी से जन्म लेगा – और मीका नबी ने कहा कि मसीहा बेथलेहम के कस्बे में पैदा होगा -
यसायाह नबी ने कहा कि मसीहा गलील के इलाक़े में गुज़र बसर करेगा – मसीहा उन लोगों को जो बहुत ज़ियादा मायूस हैं उन्हें दिलासा देगा जो क़ैद में हैं उन्हें आज़ाद करेगा – मसीहा बीमारों को शिफा देगा और जो बहरे, अंधे , गूंगे ,टुंडे ,लूले और लंगड़ों को ठीक करेगा -
यसायाह नबी ने यह भी कहा कि लोग मसीहा से नफ़रत करेंगे और उसे कबूल करने से इनकार करेंगे – दीगर नबियों ने कहा कि मसीहा का दोस्त उस के ख़िलाफ़ ग़द्दारी करेगा – नबी ज़करयाह ने कहा कि ऐसा करने के लिए वह मसीहा के दुशमनों से तीस सिक्के लेगा –कुछ नबियों ने कहा कि लोग मसीहा को क़त्ल कर देंगे और उसके कपड़ों पर क़ुरअ डालेंगे -
नबियों ने यह भी कहा कि मसीहा कैसे मरेगा – यासयाह ने नबुवत की कि लोग मसीहा पर थूकेंगे ,उसका मज़ाक़ उड़ाएंगे और उस पर कोड़े बरसाएंगे –वह उसके पेट में भाला छेदेंगे और वह अज़ीय्यत और जिस्मानी तकलीफ़ में होकर मरेगा जबकि उसने कोई गलती या गुनाह नहीं किया था -
नबियों ने यह भी कहा कि मसीहा कोई गुनाह नहीं करेगा – वह कामिल होगा – मगर वह मरेगा –क्यूंकि दुसरे लोगों के गुनाहों की ख़ातिर खुदा उसको सज़ा देगा वह जब मरेगा तब लोग खुदा के साथ सुलह कर पाएंगे –यही सबब है कि खुदा मसीहा को मरने देगा -
नबियों ने यह भी कहा है कि खुदा मसीहा को मुर्दों में से जिलाएगा – यह बताता है कि ये सारे खुदा के मनसूबे थे जिसके तहत खुदा ने एक नया अहद बांधा था जिससे लोगों को बचाए जिन्हों ने खुदा के ख़िलाफ़ गुनाह किया था -
खुदा ने मसीहा की बाबत नबियों को कई एक मुकाशफ़े दिए थे मगर मसीहा उनबियों के ज़माने के दौरान नहीं आया –आखरी नबुवत के दिए जाने तक 400 से ज़ियादा बरस गुज़र गए थे मगर बजा तोर से वह उसका सही वक़्त था कि मसीहा को दुनिया में भेजे -