जीआरएन का उद्देश्य है प्रत्येक भाषा और संस्कृति में परमेश्वर के सत्यों को स्पष्ट और सही रीति से पहुँचाना, विशेषकर उन लोगों तक जो गिनती में कम हैं, अलग थलग रहते हैं और जिनके पास संसाधनों की कमी है. ऐसा करने के लिए हम औडियो और औडियोविज़ुअल सामग्री की व्यापक श्रंखला बनाते हैं.
केवल ऑडियो कार्यक्रमों में अनेक भिन्न भाग हो सकते हैं. स्थानीय संसकृति, तथा लोगों की आवश्यकता और सही सहायता के उपलब्ध होने के आधार पर कार्यक्रम में इन में से कोई भी भाग प्रयोग किया जा सकता है.
गीत: अधिकांश संसकृतियों में संगीत प्रेम पाया जाता है. लेख की बजाए गीत याद रखना अधिक सरल होता है. यदि सुसमाचार सन्देश स्थानीय संगीत शैली में प्रस्तुत किया जा सके तो वह अधिक प्रभावी होगा. कुछ वर्ष पहले, मिलने बे पीएनजी इलाके के एक छोटे से भाषा समूह के एक व्यक्ति ने स्थानीय शैली और वाद्य यंत्रों की सहायता से प्रस्तुत करी गई प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान की कहानी को सुनकर कहा, "यदि मिशनरियों ने हमें सुसमाचार इस प्रकार से पहले सुनाया होता तो उसका प्रभाव बहुत अधिक हुआ होता."
पवित्रशास्त्र: जहाँ पवित्र शास्त्र का अनुवाद हो गया है और वह उपयुक्त है, वहाँ उसे रिकौर्ड करना उन लोगों के लिए एक बड़ी आशीष हो सकता है. इन कार्यक्रमों में बाइबल की पूरी पुस्तकें, उनके चुने हुए खण्ड, पढ़ने में सरल संसकरण और ऐसे ही अन्य सामग्री सम्मिलित हो सकती है.
गवाही: एक स्थानीय व्यक्ति जो पाप में मृतक होने की दशा से निकलकर उद्धार पाए हुए अनन्त जीवन में आ चुका है उसके जीवन की कहानी बहुत गहरा असर ला सकती है.
कविता और नीतिवचन: बहुत सी संसकृतियों में इनका बहुत मान है. यदि स्थानीय निपुण सहायक उपलब्ध हैं, तो बाइबल की सच्चाईयों को इस रूप में बताना मन से प्रभावी तौर से बात करता है.
नाटक, वार्तालाप और प्रश्नोत्तर भी अच्छे प्रभावशाली रहे हैं.
हमारे बहुत से केवल औडियो कार्यक्रमों एक सामूहिक नाम "जीवन के वचन" है. इसके अन्तर्गत कार्यक्रमों में कुछ उपरोक्त भाग हो सकते हैं लेकिन ये मुख्यतः हमारे लेख संग्रह पर आधारित हैं जो बाइबल की कहानियों और सन्देशों को साधारण रीति से बताए गए सन्देशों का संग्रह है.