बिमारी ने उसे रोका ...
गॉस्पल रिकॉर्डिंग की इस सेवकाई का आरंभ 1937 में लॉस एंजेलेस में हुआ. उस समय जॉय रिड्डरहौफ़ हौन्ड्युरास में मिशनरी कार्य करके लौटीं थी और बिमारी के कारण उन्हें बिस्तर पर ही रहना पड़ रहा था. वे इस बात से बहुत निराश तथा शोकित थीं कि उन्हें उन मसीह के नए विश्वासियों को जिनसे वे बहुत प्रेम करती थीं अकेला छोड़कर आना पड़ा है - उन लोगों में से अधिकांशतः पढ़ लिख नहीं सकते थे और मसीह में उद्धार के केवल मौखिक सन्देश पर ही निर्भर थे.
कुछ पीछे छोड़ने के लिए
काश कि वह उनकी मूल भाषा स्पैनिश में कुछ रिकॉर्ड किए हुए सन्देश छोड़ने पाती, यह कैसी अद्भुत विरासत होती! ऐसा होने से जो मसीही विश्वासी हो गए थे वे अपने विश्वास में और बढ़ने पाते तथा अन्य लोगों तक भी उद्धार का सन्देश जाने पाता ... आखिरकर, "विश्वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है."
1938 में पहली रिकॉर्डिंग!
अनेक मित्रों के उदार सहयोग से, जॉय को अपनी इस लालसा की पूर्ति का आरंभ देखने का अवसर 1938 के अन्तिम दिनों में मिला जब उन्होंने स्पैनिश भाषा में पहला सुसमाचार सन्देश रिकॉर्ड किया. जो पानी की टपकती हुई बूँद के समान आरंभ हुआ था वह शीघ्र ही एक बाढ़ के समान हो गया क्योंकि उन स्पैनिश भाषा के रिकॉर्ड्स की मांग ना केवल हौन्ड्युरास से, वरन मध्य तथा दक्षिण अमेरिका के अन्य देशों से भी बहुतायत से आने लगी.
कायाकल्प का अवसर
1940 में कायाकल्प का अवसर आ पहुँचा. जॉय से एरिज़ोना प्रांत में रहने वाले रेड इन्डियन जन जाति के नवाओ कबीले के लिए कई सुसमाचार सन्देश के रिकॉर्ड बनाने के लिए आग्रह किया गया. हर नई भाषा में करी गई रिकॉर्डिंग के बाद कई अन्य भाषाओं में रिकॉर्डिंग बनाने के अनुरोध आने लगते थे. जॉय इसके लिए राज़ी होती गईं, और इस प्रकार से एक व्यापक कार्य - सुसमाचार को पृथ्वी के छोर तक पहुँचाने की ज़िम्मेदारी की अनोखी पूर्ति के माध्यम का आरंभ हुआ.
वर्तमान - 30 से भी अधिक देशों में
गॉस्पल रिकॉर्डिंग एक अन्तर्राष्ट्रीय मिशन बन गया है जिसके केंद्र और कार्यालय 30 से भी अधिक देशों में विद्यमान हैं.
रिकॉर्डिंग का कार्य कामचलाऊ स्टूडियो जैसे कोई चर्च भवन, किसी स्कूल की कक्षा का कमरा, या फिर किसी पेड़ के नीचे किया जाता है. ऐसे बनी सामग्री को फिर संपादित करके उसमें कुछ संगीत और गीत जोड़े जाते हैं, जिससे वह वितरण के लिए तैयार हो सके.
तैयार सामग्री का वितरण एक से दूसरे गाँव जाने वाले लोगों के द्वारा किया जाता है, या फिर उन मिशन और चर्चों के द्वारा जो किसी विशेष भाषा के इलाके में स्थापित हो रखे हैं. रिकॉर्डिंग्स को चिकित्साल्यों, स्कूलों और बाज़ारों में भी बजाया तथा उपलब्ध कराया जाता है. इलाके के लोग सुनते हैं (बहुत से तो जीवन में प्रथम बार), जीवन के वचन - एक ऐसी भाषा में जिसे वह पूरी तरह से समझ सकते हैं.
भविष्य
हमारा प्रयास है कि हम अपने उपकरणों और विधियों को लगातार समकालीन और उन्नत करते रहें जिससे लोगों तक हमारी पहुँच प्रभावी बनी रहे; हज़ारों नई रिकॉर्डिंग बनाने और पुरानी रिकॉर्डिंग्स का नवीनिकरण करने की आवश्यकता है; नए रिकॉर्ड करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है; और नई कार्यविधि तथा वितरण प्रणाली जैसे मोबाइल तकनीकी के उपयोग को विकसित करके प्रयोग करने की आवश्यकता है.
कृपया जीआरएन और उसके अन्तर्गत संसार भर में कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं, तथा चल रही परियोजनाओं की प्रार्थना द्वारा सहायता करें. यह भी प्रार्थना करें कि इस कार्य को करते रहने के लिए कार्यकर्ता लगातार आते रहें. प्रत्येक जाति और भाषा में सुसमाचार उपलब्ध कराने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है और यह केवल परमेश्वर के विश्वासयोग्य लोगों की प्रार्थनाओं द्वारा ही संभव है.